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आज हम जानेंगे कि पपीता में फल व फूल गिरने की समस्या क्यों होती है और पपीता के पेड़ से फूल क्यों झड़ते हैं तथा फूलों का झड़ना कैसे रोके। हम में से अधिकतर लोगों को अपने होम गार्डन में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाना पसंद होता है और यह हमें ख़ुशी भी देता है, लेकिन जब हम अपने पौधों को किसी समस्या में देखते हैं तो हमें अत्यंत दुःख भी होता है, आपने अक्सर पेड़-पौधों में फल-फूल गिरने की समस्या को देखा होगा, पपीता के पौधों के साथ-साथ कई तरह की सब्जियों व फल वाले पौधों में फूलों तथा फलों का गिरना एक आम समस्या है, इस लेख में हम आपको बताएँगे कि पपीता के फूल क्यों झड़ते हैं और पपीता के फूलों तथा फलों का गिरना कैसे रोके, के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें। (Papaya ke phool kyo girte hain)
अक्सर गार्डनर्स के मन में यह सवाल आता है कि पपीता के फूल क्यों गिरते हैं? तो हम उनको बता दें कि पपीता के पौधे की उचित देखभाल न होने के कारण उसमें फूलों तथा फलों के गिरने की समस्या उत्पन्न हो सकती है, पपीता के फूलों तथा फलों के झड़ने के मुख्य कारण निम्न हैं:
पपीता के पौधों की अधिकांश किस्मों के लिए आदर्श तापमान 20℃-33℃ के बीच होता है, आवश्यकता से अधिक या कम तापमान होने पर पपीता के पौधे इसे सह नहीं पाते जिससे उनके फूल झड़ने लगते हैं फलस्वरूप पपीता के पौधे फल नहीं दे पाते। इसके साथ ही तापमान में तेजी से उतार-चढ़ाव के कारण पौधों में परागण (Pollination) की प्रक्रिया रुक जाती है तथा पौधे जीवित रहने के लिए अपनी ऊर्जा का उपयोग करने के लिए फूल से फल बनाने (फलने) की प्रक्रिया को रोकने के लिए मजबूर हो जाते हैं फलस्वरूप वे अपने फूल गिरा देते हैं। यह पपीता में फल नहीं लगने का एक मुख्य प्राकृतिक कारण है।
गमले की मिट्टी में आर्द्रता (नमी) कम या ज्यादा होने के कारण भी पपीता के फूल सूखकर झड़ने लगते हैं l पपीता के पौधे की अधिकांश किस्मों के लिए 70%-85% नमी का होना आवश्यक है l मिट्टी में नमी की कमी के कारण फूलों में पोलिनेशन (परागण) की क्षमता कम हो जाती है, जिसके कारण पपीता के पेड़ से फूल गिर जाते हैं फलस्वरूप आपके पपीते के पेड़ में फल नहीं लगते हैं।
सभी सब्जियों व फलों वाले प्रत्येक पौधे को अच्छी वृद्धि के लिए नाइट्रोजन सहित अन्य कई सूक्ष्म व अति सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, लेकिन अगर ये पोषक तत्व पौधों को आवश्यकता से अधिक दे दिए जाते हैं तो यह उनके लिए विषाक्तता का कार्य कर सकते हैं जिसके कारण पौधे परागण की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित नहीं कर पाते और इसी कारण से पपीता के फूल झड़ जाते हैं। वहीं अगर आप अपने गार्डन में लगे हुए पपीता के पेड़ों को जरूरत से कम या नाममात्र ही पोषक तत्व या उर्वरक प्रदान करते हैं तो पौधे तनाव की स्थिति में आ सकते हैं जिसके कारण भी आपके पपीता के पेड़ से फूल गिरने लगते हैं।
यदि आपके पपीता में फल नहीं लग रहा है तो यह समस्या पोलिनेशन की कमी के कारण उत्पन्न हो सकती हैं। पपीता के पौधों में या किसी अन्य पौधे में फूलों के पोलिनेशन (Pollination) के बाद ही फलों का उत्पादन होता है, अगर आपके होम गार्डन में मधुमक्खियां और तितलियां जैसे पोलिनेटर्स नियमित रूप से नहीं आते हैं, तो पपीता के पौधों के फूल सूखकर या मुरझाकर झड़ सकते हैं। अगर आपके गार्डन में पोलिनेटर्स नहीं आते हैं, तब हवा भी एक प्रमुख परागण कारक के रूप में कार्य करती है तथा परागण करा सकती हैं।
पपीता के पोधे लगे हुए गमले की मिट्टी में पानी की कमी और अधिकता (अंडरवाटरिंग और ओवरवाटरिंग) फूलों के विकास, परागण और फलों की स्थापना को प्रभावित कर सकती है। पपीते के पेड़ों को असमान रूप से पानी प्रदान करने के कारण आपके पौधे तनाव में आ सकते हैं, जिसके कारण या तो पपीता के पौधे में फल नहीं लगते या फिर पौधों में फलों तथा फूलों के गिरने जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
पपीता के पौधे पूर्ण सूर्य प्रकाश में उगना पसंद करते हैं तथा आवश्यक धूप मिलने पर इन पौधों की ग्रोथ तेजी से होती है, लेकिन कम या अत्यधिक प्रकाश के कारण पपीता के पौधों में विपरीत प्रभाव पड़ता है जो फूल का विकास, परागण की प्रक्रिया और फल सेटिंग को प्रभावित कर सकता है, और फूलों के मुरझाकर गिरने का कारण बन सकता है।
आपके होम गार्डन में लगे हुए पपीता के पौधों में सफ़ेद मक्खी, पपीता माइलबग, एफिड्स, स्पाइडर माइट्स इत्यादि विभिन्न प्रकार के कीड़ों द्वारा कीट क्षति, पपीता के फूलों के स्वास्थ्य को प्रभावित करेगी, जिसके कारण पपीता के फूल गिर जाते हैं यह आपके पपीता के पौधों में फल नहीं लगने का प्रमुख कारण भी बन सकता है।
घर पर गार्डन या गमले में लगे पपीता के पेड़ से फलों तथा फूलों का गिरना एक गंभीर समस्या हो सकती है, इस स्थिति से अपने पपीता में फूल झड़ने से रोकने के लिए आप निम्न उपाय व तरीके अपना सकते हैं, जैसे:
पपीता के पौधे 20℃ से 33℃ तापमान के बीच अच्छी तरह उगते हैं इसलिए इन पौधों को उनकी आवश्यकता के अनुसार तापमान देना सुनिश्चित करें, पपीता के पौधों को ठण्डे वातावरण से सुरक्षित करने के लिए आप पौधों के आसपास मल्चिंग कर सकते हैं इसके अतिरिक्त अत्यधिक तेज धूप व गर्मी से पौधों को बचाने के लिए आप पपीता के पौधे को शेड नेट का उपयोग कर छाया भी प्रदान कर सकते हैं।
अपने होमगार्डन में पपीता के पौधे लगे हुए गमले को ऐसे स्थान पर रखें, जहाँ उसे रोजाना दिन में कम से कम 6 घंटे की धूप मिल सके। अत्याधिक तेज धूप की स्थिति में पौधे को किसी आंशिक छाया वाली जगह पर रखें।
पपीता के पौधे लगे हुए गमले की मिट्टी में पर्याप्त नमी बनाए रखें। ध्यान रखें कि पपीता के पौधे में पानी की कमी या अधिकता के कारण पौधे से फूल झड़ने लगते हैं, इसीलिए अपने पपीता के पौधे में आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त पानी डालें।
अपने पपीता के पौधे में आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन युक्त खाद का प्रयोग करें। आप पौधों के पत्ते पर एप्सम सॉल्ट के घोल का छिड़काव भी कर सकते हैं ताकि फलों को जमने में मदद मिल सके।
अगर आपके पपीता के पौधे लगे हुए स्थान पर पोलिनेटर्स नहीं आ रहें हैं, तो उन्हें आकर्षित करने के नुस्खे अपनाएं, इसके लिए आप फूल वाले पौधों को पपीता के पौधे के आस-पास रख सकते हैं या उगा सकते हैं।
पपीता के पौधों को सामान्यतः विभिन्न प्रकार के कीट नुकसान पहुंचा सकते हैं, इस क्षति से पपीता के पौधों को बचाने के लिए पपीता के कीट और रोग प्रबंधन के उपायों को अपनाएं, इसके लिए आप नीम तेल, कीट नाशक साबुन या होममेड पेस्टीसाइड का उपयोग कर सकते हैं।
होम गार्डन में लगे हुए पपीता के पौधे को फूल झड़ने व फल न आने जैसी समस्यायों से बचाने के लिए उपर्युक्त सभी बातों का विशेष ध्यान रखें, अपने पपीता के पेड़ की नियमित रूप से देखभाल करें तथा कुछ कारक ऐसे हैं जो प्राकृतिक रूप से पपीता के फूल झड़ने तथा फल न आने की वजह बनते हैं, जैसे तापमान व आर्द्रता, इस स्थिति में धैर्य बनाए रखें, ये प्राकृतिक समस्याएं टल जाने के बाद आपके पपीता के पौधे फिर से फलों का उत्पादन करना शुरू कर देंगे। गार्डनिंग से जुड़े और भी महत्वपूर्ण लेख पढ़ने के लिए www.agribegri.com पेज पर जाएं।
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