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लंबे मौसम वाले पौधों के लिए बीजों से सब्जियां उगाना थोड़ा कठिन होता है, इसीलिए जब टमाटर, मिर्च, और बैंगन आदि लंबे-मौसम वाले पौधों की बात आती है, तो इन्हें डायरेक्ट गमले या गार्डन की मिट्टी में लगाने से पहले उनकी सीडलिंग तैयार की जाती है और फिर बाद में उन्हें प्रत्यारोपित (transplant) किया जाता है, ऐसा न करने पर सब्जी वाले पौधों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिससे पौधे अच्छी तरह ग्रो नहीं कर पाते और हमें बेहतर सब्जियां प्राप्त नहीं होती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी ही सब्जियों के बारे में बताएंगे, जिन्हें गार्डन में सफलतापूर्वक उगाने के लिए उनकी सीडलिंग तैयार की जाती है। सीडलिंग से लगाई जाने वाली सब्जियां कौन-कौन सी हैं, सब्जियों के नाम तथा सीडलिंग से उगाए जाने वाले वेजिटेबल प्लांट के बारे में अन्य जानकारी पाने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
टमाटर के पौधे तैयार करने के लिए गर्म व नमीयुक्त मिट्टी अच्छी होती है, क्योंकि कम तापमान वाली मिट्टी में टमाटर के बीजों को अंकुरित होने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है। टमाटर के बीज अंकुरण के लिए बेस्ट तापमान 21°C से 27°C के बीच होता है। इनडोर सीडलिंग ट्रे में टमाटर के अच्छी गुणवत्ता वाले बीज लगाने के बाद उचित तापमान मिलने पर लगभग 7-14 दिन के अन्दर सीड जर्मिनेट हो जाते हैं। बीज अंकुरण के बाद जब टमाटर के पौधे थोड़े बड़े हो जाएं तब आप टमाटर का पौधा उचित स्थान व बड़े आकार के गमले या ग्रो बैग में लगा सकते हैं। ध्यान रखें टमाटर सीडलिंग बाहर ट्रांसप्लांट तब ही करें, जब आपके गार्डन एरिया से ठण्ड का खतरा पूरी तरह टल गया हो।
प्याज को ज्यादा ठण्डा या गर्म मौसम पसंद नहीं होता, इसीलिए जब आपके गार्डन एरिया में ठण्ड का मौसम हो, तब प्याज को इनडोर सीडलिंग द्वारा उगाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। प्याज के बीज अंकुरण के लिए आदर्श तापमान 20°C से 25°C का होता है, सीडलिंग ट्रे में प्याज के बीज लगाने के बाद जब बीजों को उचित तापमान व समान रूप से नम मिट्टी वाला वातावरण मिलता है, तब लगभग 7 से 10 दिन के अन्दर ओनियन सीड्स जर्मिनेट हो जाते हैं। बीज अंकुरण के बाद जब पौधे लगभग 4-6 इंच बड़े हो जाते हैं तब प्याज की सीडलिंग बाहर प्रत्यारोपण के लिए तैयार हो जाती है।
बैंगन सीधा गार्डन में लगाने के बजाय सीडलिंग तैयार कर प्रत्यारोपित किया जाता है। सीडलिंग ट्रे में बैंगन के बीज लगाने के बाद 21°C से 32°C के मध्य तापमान मिलने पर लगभग 5-14 दिन के अन्दर बीज अंकुरित हो जाते हैं। अच्छी सीडलिंग तैयार करने के लिए बैंगन के बीज अंकुरण के 2 सप्ताह बाद सीडलिंग को आवश्यक मात्रा में उचित लिक्विड खाद देना चाहिए, ताकि वे अच्छी तरह पनप सकें। बैंगन सीड जर्मिनेशन के बाद जब पौधे लगभग 5-6 इंच बड़े हो जाएं, तब आप इन्हें आउटडोर उचित आकार के बड़े गमले या ग्रो बैग में लगा दें ताकि वे अच्छे से ग्रो कर सकें।
अपने टेरेस गार्डन या बालकनी गार्डन में आप पत्तागोभी के पौधे डायरेक्ट मेथड से भी लगा सकते हैं, लेकिन इसे अच्छी तरह से विकसित करने के लिए प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है, इसलिए कैबेज सफलापूर्वक उगाने के लिए आप सीडलिंग तैयार कर सकते हैं। सीडलिंग ट्रे में पत्तागोभी के बीज लगाएं और मिट्टी को समान रूप से नम बनाएं रखें। पत्ता गोभी के बीज 15°C से 21°C तापमान होने पर लगभग 7 से 15 दिन के अन्दर अंकुरित हो जाएंगे तथा बीज अंकुरण के 4-6 सप्ताह बाद आप अपने पत्तागोभी के पौधों को बाहर गार्डन में या बड़े गमले में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
फूलगोभी एक ठंडे मौसम की सब्जी है, जिसे सीधे गमले या ग्रो बैग में लगाया जा सकता है या सीडलिंग तैयार कर प्रत्यारोपित भी किया जा सकता है। फूलगोभी के बीज अंकुरण का इष्टतम तापमान 15-25 डिग्री सेल्सियस है, जिसमें लगभग 7-14 दिन में सीड जर्मिनेट हो जाएंगे और अंकुरण के लगभग 1 महीने बाद आप सीडलिंग को आउटडोर गमलों में या गार्डन की मिट्टी में लगा सकते हैं।
आप स्क्वैश को सीधा गार्डन की मिट्टी में लगा सकते हैं या सीडलिंग तैयार करके भी पौधे रोप सकते हैं। घर के अन्दर सीडलिंग तैयार कर आप बढ़ते मौसम में जल्दी स्क्वैश का उपयोग कर पाएंगे, इसीलिए आप इसे इनडोर शुरू कर सकते हैं। स्क्वैश के बीज को मिट्टी में लगभग ½ से 1 इंच की गहराई में लगाया जाना उचित होता है जो 16°C से 30°C के मध्य तापमान में लगभग 7-14 दिन के अन्दर अंकुरित हो जाते हैं। एक बार जब स्क्वैश के पौधे 4-6 इंच बड़े हो जाएं, तब आप इन्हें अपने टेरेस गार्डन या किचिन गार्डन में उचित आकार के गमले या ग्रो बैग में प्रत्यारोपित कर सकते हैं।
लेट्यूस सीडलिंग से उगाई जाने वाली सब्जियों में से एक है, जो सीधा गार्डन की मिट्टी में लगाने की अपेक्षा रोपाई से लगाये जाने पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं। लेट्यूस सीड्स 7°C से 27°C के मध्य तापमान होने पर लगभग 7 से 10 दिन के अन्दर अंकुरित हो जाते हैं। सीड जर्मिनेशन के बाद जब लेट्यूस के पौधे 5-6 इंच बड़े हो जाते हैं, तब आप इन पौधों को बड़े आकार के गमले में आवश्यकता अनुसार उचित तापमान वाले स्थान पर आउटडोर प्रत्यारोपित कर सकते हैं। सीडलिंग ट्रांसप्लांटेशन से पहले सीडलिंग हार्डनिंग प्रक्रिया को अपनाएं।
ब्रोकोली के बीज अतिरिक्त जल निकासी वाली जैविक खाद युक्त दोमट मिट्टी में अच्छी तरह उगते हैं तथा अच्छी वृद्धि और अधिक उपज के लिए, इसे सीडलिंग विधि से लगाया जाना बेहतर होता है। मिट्टी में ब्रोकोली के बीजों को लगभग 0.5 सेमी. या ½ इंच गहरा लगाया जाना चाहिए। मिट्टी को लगातार नम रखते हुए 18°C से 23°C के मध्य तापमान में ब्रोकोली सीड्स 6 से 14 दिन के अन्दर उगने लगते हैं। बीज अंकुरण के लगभग 25-30 दिन बाद जब ब्रोकोली के पौधे बड़े हो जाएं, तब आप इनको बाहर उचित आकार के गमले या ग्रो बैग में लगा सकते हैं। ट्रांसप्लांटेशन के लिए सीडलिंग हार्डनिंग प्रक्रिया अपनाएं।
मिर्च को ट्रांसप्लांट मेथर्ड से लगाया जाता है, इसमें सबसे पहले मिर्च के पौधों की सीडलिंग तैयार की जाती है इसके बाद मिर्च के पौधों को किसी अन्य गमले या ग्रो बैग में ट्रांसफर किया जाता है। हरी मिर्च के पौधे को 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है, ठंड का मौसम पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छा होता है। मिर्च के बीजों को जर्मिनेट होने में 7-10 दिनों का समय लग सकता है।
मिर्च को ट्रांसप्लांट मेथर्ड से लगाया जाता है, इसमें सबसे पहले मिर्च के पौधों की सीडलिंग तैयार की जाती है इसके बाद मिर्च के पौधों को किसी अन्य गमले या ग्रो बैग में ट्रांसफर किया जाता है। हरी मिर्च के पौधे को 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है, ठंड का मौसम पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छा होता है। मिर्च के बीजों को जर्मिनेट होने में 7-10 दिनों का समय लग सकता है।
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