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सोयाबीन पर Coragen insecticide का छिडकाव फायदेमंद या नहीं ? खर्चा कितना आएगा ?
कीमत क्या है? कौन सी खुराक लेनी चाहिए? अन्य फसलों पर छिड़काव कैसे होगा? किसान भाई जानेंगे सभी सवालों के जवाब विस्तार से। आइए जानते हैं क्या है इसके टेक्निकल कंटेंट में?
Chlorantraniliprole 18.5% SC फॉर्म यानीकी लिक्विड कंसन्ट्रेटेड रूप में आता है, यह एक प्रणालीगत कीटनाशक है। जो व्यवस्थित रूप से काम करता है, कैटरपिलर मारा जाएगा, भले ही वह कहीं छिप जाए, यह पूरे प्लांट सिस्टम में फैल जाएगा और किट को मार देगा। यह जल्दी से पत्तियों में अवशोषित हो जाता है, यह तेज गति से कार्य करता है।
कैटरपिलर को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है जिसमें बॉलवर्म, पिंक कैटरपिलर, स्टेम बोरर, फ्रूटिंग बोरर, लीफ रैपर, स्क्रैपर कटर, मोटल कैटरपिलर, तंबाकू कैटरपिलर और सभी प्रकार के छोटे और बड़े कैटरपिलर को नियंत्रित किया जाता है। अगर क्रिया के तरीके की बात करें तो यह किट के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को ब्लॉक कर देता है जिससे किट मर जाती है अगर हम विशेष उपायों की बात करें तो अगर तापमान 35 डिग्री से ज्यादा हो तो इसके परिणाम कम हो जाते हैं। हो सके तो कम तापमान पर छिड़काव करें, सुबह और शाम बेहतर रहेगा।
संक्षारक कीटनाशक का परिणामी समय 20-22 दिनों तक देखा जा सकता है। आप इसे टॉनिक, कवकनाशी, एनपीके, किसी भी कीटनाशक के साथ मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं, लेकिन खरपतवार नाशक के साथ न मिलाएं। फसल को नुकसान हो सकता है।
किन फसलो पर इस्तेमाल करना सही है ?
मुख रूपसे कपास, धान, चना, मका , गना , अरहर, सोयाबीन, मुंग ,उड़द , बरबटी , बैंगन ,पत्तागोभी ,मिर्च, मटर और अन्य सभी सब्जी वर्गी फसलो में इस्तेमाल कर सकते है |
फसलो पर होनेवाले फायदे क्या है ?
सोयाबीन :
सोयाबीन में तनाछेदक ,फलभेद्क,पत्ता लपेटक ,कटर पीलर,चितकवरी इल्ली ,तंबाखू इल्ली और
छोटी बड़ी सभी प्रकार कि इल्लियो को कण्ट्रोल कर लेता है|
फसल को कीटो से सुरक्षित कर देता है | पौधे स्वस्थ होते है दानो कि क्वालिटी सुधरती है | तथा
फल्लिया अछेसे भरती है पौधे कि कार्यप्रणाली सुचारू होती है , फसल रोगों से लढ़ नेमे सक्षम बनती है
पौधे कि खाना बनानेकी क्रिया सुचारू होती है परिणाम स्वरुप उत्पादन में वृद्धी होने कि सम्भावना बढ़ जाती है |
कपास :
छिडकाव करते हि पत्तियों से पुरे पौधे में फेल जाता है |
इल्लिया कंही पर भी छुपी रहे इसके संम्पर्क में आते हि ख़त्म होने लगती है|
जिसमे गुलाबी सुंडी , तनाछेदक , फलभेद्क,पत्ता लपेटक ,कटर पीलर,चितकवरी इल्ली , तंबाखू इल्ली और छोटी बड़ी सभी प्रकार कि इल्लियो कि रोकथाम कर लेता है |
बोंड कि सडन रुक जाती है , इल्लियो से पौधे सुरक्षित होते है , उत्पादन में वृद्धी होने में मदत मिलती है |
चना :
systemic दवाई होनेकी वजह से यंह पौधे के पुरे सिस्टम फेल कर किट को ख़तम करती है
जिसमे तनाछेदक ,फलभेद्क,पत्ता लपेटक ,कटर पीलर,चितकवरी इल्ली , तंबाखू इल्ली और छोटी बड़ी सभी प्रकार कि इल्लिया कंट्रोल हो जाती है | ध्यान दे कि यंह रसचुसक कीटो को नियंत्रित नहीं करता है उसके लिये आपको अलगसे कोई अन्य दवाई मिक्स करनी होगी |
मिर्च :
मिर्च में तनाछेदक , फलभेद्क,पत्ता लपेटक ,कटर पीलर,चितकवरी इल्ली ,तंबाखू इल्ली और
छोटी बड़ी सभी प्रकार कि इल्लियो को कण्ट्रोल कर लेता है|
पौधे को मजबूत बनता है , पौधे कि आन्तरिक कार्य प्रणाली को सुचारू करता है तथा पौधे का विकास करता है , उपज को बढ़ानेमे मदत करता है |
अरहर :
छिडकाव के तुरन्त बाद यंह अपना काम करना शुरू करता है|
पौधे के पुरे आन्तरिक सिस्टम में फेल कर इल्लियो को मार गिरता है |
तनाछेदक , फलभेद्क,पत्ता लपेटक ,कटर पीलर,चितकवरी इल्ली ,तंबाखू इल्ली और छोटी बड़ी सभी प्रकार कि इल्लियो को मार गिरता है |
फूलो कि गलन को कम करता है | पौधे को मजबूत बनता है फसल कि प्रकाश संश्लेषण कि क्रिया को बढ़ाता है जिससे पौधे अछेसे खाना बनाते है|
फल्लिया अछेसे से भरती है और साथही उत्पादन को बढ़ा नेमे मदत करता है |
मुंग :
मुंग पर होनेवाली तनाछेदक ,फलभेद्क,पत्ता लपेटक ,कटर पीलर,चितकवरी इल्ली ,तंबाखू इल्ली और
छोटी बड़ी सभी प्रकार कि इल्लियो को कण्ट्रोल कर लेता है | पौधे तेज गति से फेल कर इल्ली को मर गिरता है , फसल को इल्लियो से सुरक्षित करता है | विशेष ध्यान रखे यंह केवल इल्लियो कि रोकथाम करता है रसचुसक कीटो कि नहीं करता है , माहू, सफ़ेद मछर , हरा मच्छर केलिये आपको अन्य कोई दवाई साथ में मिक्स करके डालनी पड़ेगी | monocotophos, acetamyprid को ले सकते है यंह न होने पर अन्य दवाई भी ले सकते है |
टमाटर :
छिडकाव के तुरंत बाद हि यंह अपना काम चालू कर देता है , पौधे के तंत्रिका तंत्र में जाकर पुरे पौधे में फेल जाता है जेसेही इल्लिया पत्तिया चबाती है यंह उनके अंदर प्रवेश कर किट कि नसों को ब्लॉक कर मार गिरता है | तनाछेदक , फलभेद्क,पत्ता लपेटक ,कटर पीलर,चितकवरी इल्ली , तंबाखू इल्ली और छोटी बड़ी सभी प्रकार कि इल्लियो कि रोकथाम कर लेता है | फसल को इल्लियो से बचाता है , फल फूलो कि गलन कम करता है तथा उपज को बढ़ा नेमे मदत करता है |
उड़द :
उड़द में तनाछेदक , फलभेद्क,पत्ता लपेटक ,कटर पीलर,चितकवरी इल्ली , तंबाखू इल्ली और छोटी बड़ी सभी प्रकार कि इल्लियो को कण्ट्रोल कर लेता है | फसल को कीटो से बचाता है , ध्यान रहे यंह सिर्फ इल्ली को कंट्रोल करता है , रसचुसक कीटो को नहीं करता उसके लिये आपको अलग से अन्य दवाई के साथ इसको मिक्स करके देनी होगी | दानो कि भराई अच्छी होती है , फल्लिया अछेसे भरती है |
मकई :
systemic दवाई होनेकी वजह से इल्लिया आसानी से कंट्रोल हो जाती है , दवाई पत्तियों में जल्दी शोषित होती है जिससे इल्लीया जल्दी ख़त्म हो जाती है , फसल सुरक्षित होती है | भुट्टो कि भराई अच्छी होती है , क्वालिटी भी अच्छी बनी रहती है | तनाछेदक ,फलभेद्क,पत्ता लपेटक ,कटर पीलर,चितकवरी इल्ली ,तंबाखू इल्ली और छोटी बड़ी सभी प्रकार कि इल्लियो को कण्ट्रोल कर लेता है | पौधे कि आन्तरिक प्रणाली कि ठीक करता है |
मटर :
मटर में तनाछेदक , फलभेद्क,पत्ता लपेटक ,कटर पीलर,चितकवरी इल्ली , तंबाखू इल्ली और छोटी बड़ी सभी प्रकार कि इल्लियो कि रोकथाम करता है | पौधे को इल्ली से बचाता है , फसल को मजबूत बनाता है , फल्लियो कि गलन को कम करता है , दानो कि भराई अच्छी होती है | पौधे का तंत्रिका तंत्र सुचारू करता है तथा फसल को स्वस्थ बनाता है , रोगों से लड्नेकी ताकत देता है |
dose क्या रखना चाहिए ?
150-200 लीटर पानी में 60ml प्रति एकड़ , 5 – 6ml प्रति 15 लीटर पानी में मिक्स करके छिडकाव कर सकते है |
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