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ह्यूमिक एसिड (ह्यूमिनोज़ 98) का छिड़काव कब करें? यह किस कंपनी का उत्पाद है?
इसका उपयोग किन फसलों में किया जा सकता है? कौन सी खुराक लेनी है? आपको इसके लिए कितने पैसे मिलते हैं? क्या हम इसके साथ मिलाकर दूसरा टॉनिक दे सकते हैं?
छिड़काव से पहले क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? क्या इसे इस्तेमाल करने के कोई नुकसान हैं? किसान भाई जानेंगे सभी सवालों के जवाब विस्तार से।
आईये बात करते है छिडकाव करनेसे से फसलो को क्या लाभ मिलते है ?
इसमे कोनसा टेक्निकल कंटेंट मिलाया गया है ?
इसमें ह्यूमिक एसिड 69%, पोटेशियम ह्यूमेट 98%, फुल्विक एसिड 19% और पोटेशियम ऑक्साइड (K2O) 10% का मिश्रण होता है।
इसका उत्पादन प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर के आधार पर किया जाता है। यह 100% प्राकृतिक और जैविक उत्पाद है।
और पढ़ें छिड़काव कब करें?
छिडकाव केलिये बेस्ट समय कब होता है ?
पहला छिड़काव- बुवाई के बाद
दूसरा छिड़काव - पौधे की प्रारंभिक अवस्था तक (40-45 दिन तक)
आप ह्यूमिक एसिड को टॉनिक, कवकनाशी, अमीनो एसिड और किसी भी कीटनाशक के साथ मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं, लेकिन इसे खरपतवार नाशक के साथ न मिलाएं। फसल खराब हो सकती है, फसल खराब हो सकती है। खास उपायों की बात करें तो 35 डिग्री से ऊपर तापमान होने पर इसका छिड़काव नहीं करना चाहिए, इसका असर फसलों पर कम दिखाई देता है। हो सके तो शाम को छिड़काव करें तो अच्छा रहेगा।
क्या हमें परिणाम के समय के बारे में बात करनी चाहिए? तो, अच्छे परिणाम लगभग 15 दिनों के बाद देखे जा सकते हैं।
और पढ़ें किन फसलों पर छिड़काव करना फायदेमंद होता है?
किन फसल में इसका इस्तेमाल आप कर सकते है ?
मुख्य रूप से कपास धान चना मक्का गन्ना अरहर सोयाबीन मूंग उड़द बरबती बैंगन गोभी मिर्च मटर
और इसका उपयोग अन्य सभी सब्जियों की फसलों में किया जा सकता है।
इसके अलावा आप इसे केला, पपीता, आम, अमरूद, मेथी, अंगूर, तरबूज, खरबूजा, संतरा,
अखरोट ड्रैगन फल अदरक लहसुन प्याज गेहूं ज्वार बाजरा मूंगफली
और इसका उपयोग फूल उगाने में किया जा सकता है।
ह्यूमिक एसिड का उपयोग लगभग सभी फसलों पर किया जा सकता है।
संक्षिप्त में समजते है फसलो पर इसके इस्तेमाल से क्या परिणाम मिलते है ?
कपास :
जब छिड़काव किया जाता है, तो यह पत्तियों द्वारा जल्दी से अवशोषित हो जाता है और पूरे सिस्टम में फैल जाता है।
पौधों की जड़ों को बढ़ाता है। पौधे को ताकत देता है।
रोजोज़ से लड़ने से अच्छे को ताकत मिलती है और फसल बढ़ती है।
फलों और फूलों को घोलने का काम करता है। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को सुगम बनाता है।
यह पौधे में क्लोरोफिल की मात्रा को बढ़ाता है।
फलों और फूलों के आकार, आकार, रंग में सुधार करता है, गुणवत्ता बनाए रखता है। पौधे को तनाव से बचाता है | यह उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है। मिट्टी के जीवों और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है।
धान :
छिड़काव के तुरंत बाद, यह अपना काम शुरू कर देता है, चावल की वृद्धि और जड़ों की संख्या में वृद्धि करता है, बालियों की गुणवत्ता में सुधार करता है। यह रंग, आकार में सुधार करता है, पौधे में हरे प्लैस्ट्रॉन की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे फसल हरी रहती है। यह पौधे में पकने की प्रक्रिया को सुचारू बनाता है, फसल को रोगों से लड़ने की ताकत देता है, मजबूत बनता है।
अत्यधिक गर्मी में फसल की गुणवत्ता को बनाए रखता है। गेंदों के पिघलने को कम करता है।
इससे उपज बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
यह चावल की भूमि के किसी भी जानवर और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है।
चना :
सबसे अच्छी बात यंह है कि यंह मिटटी के जीवजंतु तथा पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है
छिडकाव करतेही यंह पौधे के तंत्रिका तंत्र में जाकर अपना काम शुरू कर देता है |
हरित लवक कि मात्रा को बढ़ाता है प्रकाश संश्लेषण कि क्रिया बढ़ाता है जिससे पौधे अछेसे खाना बना पाते है|
फसल कि बढ़वार करता है , पौधे को पाला सहन करनेकी ताकत देता है एंव जड़ो को बढाता है |
पोटैशियम कि कमी को दूर करता है | रोगों से लढ़ नेकी ताकत देता है
पौधे को मजबूत बनता है ,फल फूलो कि गलन को कम करता है|
फूलो कि संख्या में बढ़ोतरी करता है , उत्पादन को बढ़ाता है |
सोयाबीन :
फसल में हरित लवक कि मात्रा को बढ़ाता है , पौधे को हराभरा बनता है | पोटैशियम कि कमी को दूर करता है | पौधे को रोगों से लढ़ नेमे सक्षम बनाता है , फसल को मजबूती देता है | फूलो कि संख्या में वृद्धी करता है तथा फूलो कि गलन को रोकता है , दानो कि भराई करता है तथा क्वालिटी में सुधार करता है |
फसल कि बढ़वार करता है , | मिटटी में मोजुद जीवो को कोई नुकसान नहीं करता है , पर्यारण फ्रेंडली है , अधिक गर्मी में फसल कि गुणवत्ता बनाये रखता है , उत्पादन को बढ़ाता है |
मिर्च :
स्प्रे के तुरंत बाद हि तेजीसे यंह अपना काम चालू करता है
पत्तियों के माध्यम से पौधे में फैलता है पौधे का तंत्रिका तंत्र को सुधारता है|
खाना बनानेकी कि गति को बढ़ाता है , हरित लवक में वृद्धी करता है |
पौधे को तनाव से बचाता है पौधे कि बढ़वार करता है फल फूलो कि संख्या में वृद्धी करता है |
मिर्च का वजन बढ़ाता है , लागत को कम करता है |
अधिक गर्मी में मिर्च कि क्वालिटी बनाये रखता है , उत्पादन में बढ़वार करता है |
मिटटी कि गुणवता बनाये रखता है , पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता है |
बेंगन :
पौधे का विकास करता है , पौधे को रोगोसे लढ़ नेकी क्षमता देता है , पौधे को स्वस्थ बनाता है |
अधिक गर्मी में बेंगन कि गुणवता बनाये रखता है पौधे तनाव से दूर करता है |
पौधे कि बढ़वार करता है , खाना बनानेकी क्रिया को बढ़ाता है , हरित लवक कि मात्र बढ़ती है |
टमाटर :
पौधा स्वस्थ बनाता है प्रकाश संश्लेषण कि क्रिया निर्मित करता है पौधो को हराभरा रखता है|
फूलो कि गलन को कम करता है अधिक तापमान में टमाटर कि क्वालिटी बनाये रखता है|
मिटटी कि जीवजंतु कोई नुकसान नही करता है |
पौधे को स्ट्रेस में जानेसे दूर रखता है टमाटरो को क्वालिटी रंग और आकार में सुधार करता है |
आगे पढ़े छिडकाव केलिये कितना dose ले ?
बेस्ट result केलिये humic acid का कितना dose लेना है ?
150-200 लीटर पानी में 300gm प्रति एकड़ , 30gm प्रति 15 लीटर पानी में मिक्स करके छिडकाव कर सकते है |
ड्रिप इरीगेशन में आप इसे 500gm- 1kg तक ले और यदि आप drenching कर रहे है तो 30-45gm प्रति 15 लिटर पानी में छिडकाव करे |
अधिक तापमान में छिडकाव ना करे , result कम मिलते है , श्याम के समय छिडकाव करेंगे तो अच्छा रहेगा |
खरपतवार नाशक के साथ न दे फसल को नुकसान होता है |
छिडकाव करने से पहले टंकी को अछेसे से डंडे के सहायतासे अछेसे हिलाले ताकि दवाई अछेसे से घुल मिल जाये सिल्कोंन चिपको मिलके छिडकाव करते है तो किसान भाईयो काफी अछे रिजल्ट देख्नोनेको मिलते है | शाम के समय छिडकाव करनेसे 100% रिजल्ट मिलेंगे |
क्या इससे फसल को नुकसान पहुँचता है ?
देखिये हर चीज के फायदे और नुकसान तो होते ही है |
आप इसे अधिक मात्रा में इस्तेमाल करेंगे तो यंह फसल को नुकसान पहुंचाता है |
मिटटी का ph बढाता है जिससे मिटटी क्षारी होने की संभावना बढ़ती है |
बहुत कम मात्रा में छिडकाव करेंगे तो रिजल्ट कम मिलेंगे , बताई गयी मात्रा में ही इस्तेमाल करे |
बात सिंपल है अधिक मात्रा लेंगे तो नुकसान करेगा और अगर कम मात्रा लेंगे तो असर नही करेगा
आशा है आप समज गये होंगे |
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