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यदि आप किचन गार्डनिंग में लगे टमाटर के पौधे की अच्छी ग्रोथ तथा ढेरों टमाटर प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए टमाटर के पौधे की कटाई-छटाई या प्रूनिंग करना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि टमाटर प्लांट्स की प्रूनिंग करने से उनमें बहुत ज्यादा टमाटर उगने लगते हैं और ये टमाटर बहुत पौष्टिक और हेल्दी होते हैं। यदि टमाटर के पौधों की उचित तरीके से ट्रिमिंग की जाए तो टमाटर का एक पौधा बड़ी मात्रा में टमाटर देने में सक्षम हो सकते हैं। यदि आप अपने गार्डन में लगे टमाटर के पौधों में कटाई छटाई के सही तरीकों को अपनाएंगे तो पौधे में ज्यादा टमाटर जरूर लगेंगे। आइए इस लेख में टमाटर के पौधे की प्रूनिंग सही तरीके से करने संबंधी जानकारी को विस्तार से समझते हैं।
इससे पहले कि हम टमाटर प्लांट को ट्रिम करने के बारे में जानें, उससे पहले यह समझना महत्वपूर्ण है कि टमाटर की कितनी तरह की वैराइटी होती हैं। टमाटर के पौधे की मुख्यतः दो प्रकार की वैराइटी होती हैं- डिटरमिनेट टमाटर तथा इंडिटरमिनेट टमाटर। इन दोनों वैरायटी को अलग अलग तरह की प्रूनिंग की जरूरत होती है। पर अब ये सवाल उठता है की इन दोनों वैरायटी को पहचाने कैसें?
टमाटर की डिटरमिनेट एवं इंडिटरमिनेट वैराइटी में अंतर जानना महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्हें समान मात्रा में छंटाई की आवश्यकता नहीं होती है।
टमाटर के पौधे की छंटाई करने का सबसे अच्छा समय वह होगा जब आपका पौधा लगभग 2 फीट की ऊंचाई तक पहुंच गया हो। टमाटर के पौधों की सुबह के समय छंटाई करना सही रहता है क्योंकि इससे पौधे को दिन में सूखने और ठीक होने का समय मिल जाएगा। इससे पौधों में संक्रमण नहीं हो पाता है। पूरे गर्मियों के मौसम में नियमित रूप से प्रूनिंग करते रहें, इससे वे ज्यादा से ज्यादा टमाटर का उत्पादन कर सकेंगे।
घर पर लगे टमाटर के पौधों की प्रूनिंग करने से उनकी अधिकांश ऊर्जा फलों के उत्पादन में लग जाती है, जिससे हमें अधिक टमाटर प्राप्त होते हैं।
इन टमाटर के पौधों में ज्यादा कटाई छंटाई की उतनी आवश्यकता नहीं होती है। इन टमाटर के पौधों की सिर्फ निचली पत्तियों की प्रूनिंग की जाती है, ताकि वे पत्तियां जमीन के संपर्क में न रहें। जमीन के संपर्क में रहने से पत्तियों में अर्ली ब्लाइट व फंगस जैसे रोग लग सकते हैं। ध्यान रहे कि टमाटर प्लांट की ऊपर की टहनियों (branches) को न काटें, अन्यथा इससे टमाटर के फल उत्पादन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
ये टमाटर के पौधे ज्यादा लम्बे होते हैं और तेजी से फैलते हैं, इसीलिए इनकी प्रूनिंग अनिवार्य रूप से करनी होती है, जिसके बाद टमाटर का पौधा हेल्दी भी रहता है और टमाटर के पौधे में ज्यादा फल भी लगते हैं। आइए टमाटर के पौधे की प्रूनिंग करने की विधि को स्टेप वाई स्टेप समझते हैं:
गमले या ग्रो बैग में लगे टमाटर के पौधे की किसी भी सूख चुकी या पीली पड़ चुकी पत्तियों को हटा दें, क्योंकि टमाटर के पौधे की पीली पड़ चुकी पत्तियाँ शुगर का उत्पादन तो कम करती हैं लेकिन उपयोग भी अधिक मात्रा में करती हैं। अपने पौधों पर पत्तियों की संख्या कम करने से आपके लिए कीटों को नियंत्रित करना भी आसान हो जाता है। अतिरिक्त पत्तियों की छटाई कर देने से पौधों में वायु प्रवाह भी अच्छे से होता है। इसलिए जब भी सूखी, मुरझाई हुई या पीली पड़ चुकी पत्तियां टमाटर के पौधे में दिखाई दें तभी इन्हें पौधे से अलग कर दें। कम पत्तियां होने से टमाटर के पौधों को प्रचुर मात्रा में धूप भी मिल पाती है जो फलों के विकास और पौधे की ग्रोथ के लिए भी आवश्यक है।
जैसे ही टमाटर के पौधे में फूल लगते हैं, तब आपको पौधे के मुख्य तने के निचले भाग से निकलने वाले साइड शूट्स या टहनियों को हटा देना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि इन साइड शूट्स को मुख्य तने पर लगा रहने दिया जाता है, तो पौधा अपनी ऊर्जा को फूलों और फलों को बढाने के बजाय टहनियों को उगाने पर केंद्रित करने लगता है। अतः इस अनावश्यक ऊर्जा को खर्च करने से रोकने के लिए मुख्य तने से निकलने वाली नीचे की टहनियों या साइड शूट्स को काट दिया जाता है।
टमाटर की प्रूनिंग से ज्यादा फल प्राप्त होते हैं, लेकिन यदि प्रूनिंग सही से न की जाए तो पौधे को नुकसान भी पहुँच सकता है, आइए जानते हैं टमाटर प्लांट की ट्रिमिंग करते समय किन बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए:
उत्तर: पौधे से पहले फूल के गुच्छे के नीचे के सभी सकर्स को हटायें, फिर भी यदि पौधा ज्यादा ही घना लगे तो कुछ नीचे की पत्तियों को हटाया जा सकता है।
उत्तर: हाँ।टमाटर की कटाई छटाई करने से जल्दी और ज्यादा टमाटर प्राप्त होते हैं।
उत्तर: टमाटर के प्लांट की ट्रिमिंग या प्रूनिंग न करने से पौधा काफी घना तो हो जाएगा, लेकिन ज्यादा फल नहीं देगा।
उत्तर: चेरी इंडिटरमिनेट टमाटर है।
उत्तर: ओवर प्रूनिंग करने से टमाटर का पौधा सन बर्न हो सकता है अर्थात तेज धूप में मुरझा सकता है।
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