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Tomato Cultivation online agribegri
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 टमाटर वर्गीय सब्जियां हमारे देश में खेती की प्रमुख, सबसे महत्वपूर्ण और पारिश्रमिक फसल सब्जी फसलें हैं। उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में टमाटर की बसन्त-ग्रीष्म ऋतु की फसल के लिए पौधशाला में बीज की बुआई कर दें एवं दिसंबर से जनवरी में तैयार पौध की रोपाई करें।जीवांश उपलब्ध हो, टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त होती है। इसके लिए जल निकास व्यवस्था होना आवश्यक है।

जलवायु और मिट्टी:

1.गर्म मौसम की सब्जी है

2. आवश्यक अधिकतम तापमान 15-27 डिग्री होनी चाहिए

3. उत्तरी राज्यों में हल्की सर्दी अंकुरण, पौधे की वृद्धि और फलों के सेट के लिए आदर्श है।

4. जैविक पदार्थों से भरपूर बलुई दोमट मिट्टी खेती के लिए अच्छी होती है

5. मिट्टी का पीएच 7-8.5 होना चाहिए


किस्म:

       टमाटर के बहुत किस्मे है, इनमे से अपना जगह और मिटटी के आदरित पर किस्मों का चयन करे, इफको बाजार पर उपलब्ध किस्मे – Tomato Shaan Super F1

 

             बीजदर -  बीज/हैक्टर

      रोपाई - पौधे से पौधे की दूरी

उन्नत किस्मों

350-400 ग्राम

सीमित बढ़वार वाली प्रजातियों

60x60 सें.मी

संकर किस्मों

200-250 ग्राम

असीमित बढ़वार वाली किस्मों

75-90x60 सें.मी

*की दूरी पर बनी कतारों में करें एवं 45 से 60 सें.मी. रखते हुए, शाम के समय करें।

 

रोपाई के एक माह पहले गोबर या कम्पोस्ट की अच्छी सड़ी खाद 20-25 टन प्रति हैक्टर की दर से भूमि में अच्छी तरह मिला लें। *नाइट्रोजन की प्रथम टॉपड्रेसिंग रोपाई के 20-25 दिनों बाद तथा इतनी ही मात्रा की दूसरी टॉपड्रेसिंग रोपाई के 45-50 दिनों बाद करनी चाहिए।

 

रोपाई के बाद

अवस्था

पानी में घुलनशील उर्वरक

किलो / एकड़

2nd  दिन

एक बार

17:44:0

2 Kg

5-20th दिन

हफ्ते में दो बार

(अच्छी वृद्धि के लिए)

17:44:0  + सागरिका + मैग्नीशियम सलफेट

4 + 200ml + 1.75 kg

20- 40th दिन

हफ्ते में दो बार

(फूल के लिए)

19-19-19 + 17-44-0 + मैग्नीशियम सलफेट + सागरिका

4+2+2.5 + 250ml

40th दिन के बाद

हफ्ते में दो बार (गुणवत्ता में वृद्धि)

17-44-0 +  0-0-50

3 kg + 5 kg

 


नर्सरी प्रबंधन:

 

1. एक हेक्टेयर क्षेत्र के लिए आवश्यक पौध तैयार करने के लिए 7.5 मीटर लंबा, 1.20 मीटर चौड़ा और 10 सेमी ऊंचाई का बेड बनाना चाहिए।

2. 15 से 20 किलो सड़ी गोबर की खाद प्रति बेड में मिलाना चाहिए और आधा किलो 18-18-18 मिश्रित रासायनिक उर्वरकों को लागू करें और उन्हें मिट्टी के साथ अच्छी तरह मिलाएं।

3. बुवाई से पहले बीज को ट्राइकोडर्मा विरिड (ट्राइको पावर) - 10 ग्राम या 1.25 ग्राम - थिराम से उपचारित करके बोएं और हलकी मिटटी ढाक दे |

4. गर्मियों में रोपे जाने वाले बीज को छाया दे और पानी प्रदान किए जाने चाहिए।

 बीज एक सप्ताह में रोपाई में विभाजित होते हैं, 3-4 सप्ताह में 13 से 16 सेमी लंबा और रोपण के लिए तैयार हो जाएंगे|

 


ट्रे विधि:

 

1. एक ट्रे में 1 से 1.25 किलोग्राम निर्जलित कोकोपीट की आवश्यकता होती है। कॉकपिट को Azospirillum / Azotobacter, Pseudomonas fluorescens और Trichoderma harzianum  या Trigun - १ लीटर प्रति टन कोकोपीट में मिलाये और एक हफ्ते के लिए छाया में रखे।

2. ट्रे को कोकोपिट से भरें, छोटे गड्ढे बनाएं और बीज बोएं। बोए गए गड्ढों को निर्जलित कोकोपीट से ढंकना चाहिए और पॉलीथिन में 5-10 ट्रे की ओवरलैपिंग करनी चाहिए।

3. इससे बीज 6 से 10 दिन में  समान और तेजी से अंकुरित होते हैं। 

4. बीज बोने के 15 दिन बाद पानी में घुलनशील N.P.K.(19:19:19)  -1 ग्राम / लीटर की मात्रा में छिड़काव करे।

 

अंत:सस्य क्रियायें अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए –

1. हल्की निराई-गुड़ाई करें व पौधों की जड़ों के पास मिट्टी चढ़ा दें।

2. टमाटर की असीमित बढ़वार वाली प्रजातियों में सहारा न प्रदान करने से पौधों की वृद्धि व उपज पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और मिट्टी के संपर्क में फल आने से विभिन्न रोगों के प्रभाव से नष्ट हो जाते हैं


खरपतवार नियंत्रण –

 

खेतों में खरपतवार नियंत्रण करते समय खुपी या कुदाल से गुड़ाई कर देने से पौधों की बढ़वार अच्छी होती है।

सूखे घास-फूस की पलवार अथवा पुआल (मल्च) पौधों के नीचे बिछाने से बढ़वार के साथ-साथ खरपतवार का नियंत्रण भी हो जाता है।

  1. ज़कीयामा (पेंडीमेथलीन) - १०००-१३०० मिली प्रति एकड़ २८०-३०० लीटर प्रति एकड़ रोपाई के पहले और साथ में ४५ दिन हाथ से खरपतवार नष्ट करे ।
  2. तनोशी (मेट्रिब्यूजिन) - ३०० मिली २८०-४०० लीटर पानी प्रति एकड़,  उगने से पहले बुआई से एक हफ्ते पहले या उगने के बाद रोपण के 15 दिनों के बाद।

रोपण:

 

1. खेत में गहरी जुताई करे और अंतिम जुताई के समय गोबर की खाद डाले और मिटटी में अच्छी तरह मिलाएं |

2. नाइट्रोजन की अनुशंसित मात्रा का 50% और फास्फोरस और पोटाश उर्वरकों की कुल मात्रा को अच्छी तरह मिट्टी में मिलाया जाना चाहिए।

3. रोपण करते समय हर 16 टमाटर की पंक्तियों के लिए एक अफ्रीकन मेरीगोल्ड(गेंदा) की 1 पंक्ति उगाएं। आम तौर पर, एक 40-दिवसीय परिपक्व   गेंदा के पौधे और 25-दिवसीय बड़े टमाटर के पौधे को रोपण के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

4. गर्मियों में, मक्का या जवार की फसल खेत के चारो तरफ उगने से फसल में रस चूसक कीट का प्रकोप को कम कर सकते है |

5. 5-7 हफ्ते के बाद खेत में पौधों को मिटटी चढ़ाना चाहिए इससे फसल की जड़ और पौधे मजबूत बनते है।


सिंचाई और रिक्ति:

                              जलवायु और भूमि की गुणवत्ता के आधार पर, हर 5 से 7 दिनों में पानी देना चाहिए। रोपाई के चार सप्ताह बाद, 30 सें.मी. उच्च विकसित पौधे, डंडे को 1.2-1.5 मीटर पर प्रत्यारोपित किया जाता है। लंबी डंडे प्रदान की जानी चाहिए ताकि अच्छी गुणवत्ता वाला फल प्राप्त किया जा सके। नाइट्रोजन के शेष आधे हिस्से को टॉप ड्रेसिंग के रूप में रोपण के बाद देना चाहिए|

 

Preventing tomato plant disease

Other than making sure your tomato plants are happy and healthy, there are a few other things you can do to help prevent tomato plant diseases. Here are nine tips to get you started on the road to disease-free, productive tomato plants:

  1. Rotate your crops. Since many tomato pathogens live in the soil, plant tomatoes in a different spot in the garden each year.
  2. Pinch off leaves with any signs of disease immediate and dispose of them in the trash to keep a possible infection from spreading.
  3. Don’t work in the garden when tomato foliage is wet or you may inadvertently spread pathogens from plant to plant.
  4. Choose disease-resistant varieties when selecting which types of tomatoes to grow.
  5. Remove all diseased tomato plant debris at the end of the growing season and burn it or toss it in the trash. Do not put diseased foliage in the compost pile.
  6. Provide adequate air circulation around each plant. Here’s our guide to spacing tomatoes properly.
  7. Mulch your tomato plants well at the start of the season. Two or three inches of compost, leaf mold, straw, or hay serves to keep soil-dwelling fungal spores from splashing up onto the lower leaves when it rains.
  8. Try to keep the foliage dry whenever possible. Hand irrigation or soaker hoses allow you to target the water on the root zone. The splash from overhead sprinklers can spread disease and wet foliage promotes fungal issues.
  9. Disinfect the empty pots if you grow your tomatoes in containers, using a 10% bleach solution at the end of the growing season and replace the spent potting soil with a new mix every spring.


Posted 2 years ago

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